Success Story of Namkeen Meena

जनजाति विकास निधि से डेयरी उत्पादन में मिली सफलता

दुग्ध उत्पादन में तीन साल की मेहनत रंग लाई बना कमाई का जरिया। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से अनुदान राशि प्राप्त कर ग्रामीण महिला ने आज 4 भैंस और 2 गाय तैयार कर लाखों रूपया का दूध बिक्री कर बनाया कमाई का जरिया। 28 वर्षीय महिला नमकीन मीना ने तीन वर्ष पहले रणथम्भौर सेवा संस्थान के माध्यम से शबरी डेयरी का बिजिट कर दुग्ध उत्पादन की जानकारी ली। अपनी एक देशी गाय को राजकीय पशु चिकित्सालय मैनपुरा के पशु विशेषज्ञ से उत्तम क्वालिटी का सीमन रोपित कराया और एक भैंस खरीद कर डेयरी की शुरूआत की। इन तीन साल के सफर में आज इनके पास 4 भैंस और 2 गाय उत्तम बैरायटी की है । कोई-कोई भैंस 20 लीटर तक दोनों टाइम दूध देती है । लगभग 70-80 लीटर दूध रोज इनके यहां से कस्बे के लोग खरीदते हैं ।

नमकीन मीना बताती है कि वर्ष में एक दो जानवर बेच भी देते है। गाय-भैंस के गोबर का उपयोग अभी तक खेतों में खाद के रूप में करते है । अब वर्मीकम्पोस्ट एवं गोबर गैस प्लान्ट लगाने की सोच रही है। नमकीन मीना अपने डेयरी फार्म पर इतनी सफाई और स्वच्छता रखती है कि एक भी मच्छर तक नहीं भटकता। नमकीन मीना ने बताया कि वह दो बार संस्था की मदद से शबरी डेयरी मैनपुरा में दुग्ध उत्पादन की जानकारी के लिए विजिट करने गई। महिलाओं को आत्मनिर्भरता की खेती के साथ-साथ पशुपालन की ओर भी ध्यान देना जरूरी है। मैं शीघ्र ही महिला समूह बनाकर अन्य महिलाओं को भी दुग्ध उत्पादन से जोडूंगी।

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